दिग्गज नेताओं की वजह से नहीं इनकी वजह से होगी चुनाव में PM मोदी या राहुल की जीत

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण के लिए 19 मई यानी कल वोट डाले जाएंगे और 23 मई को यह साफ हो जाएगा कि इस बार किसकी सरकार बन रही है। चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से लेकर हर राजनेताओं ने जमकर चुनाव प्रचार किया और लोगों से वोट डालने की अपील की। हालांकि चुनाव परिणाम आने के बाद राजनीतिक पार्टियां दावा करती है कि इनकी मेहनत काम आयी तो उन्होंने पार्टी को जीत दिलायी। लेकिन इन सबके बीच हम सोशल मीडिया , प्रिंट मीडिया और ब्रॉडकास्ट मीडिया के योगदान को भुल जाते हैं जो जनता के साथ हर वक्त जुड़ा रहता है और मतदान करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

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टेलीविजन का रोल

चुनाव का ऐलान होते ही न्यूज चैनल्स चुनाव से जुड़ी खबरें , नेताओं के प्रेस कॉन्फ्रेंस, रैली और उम्मीदवारों से जुड़ी जानकारी जनता के सामने रखना शुरू कर देते है ताकि उन्हें अपने क्षेत्र में वोट डालते समय ज्यादा सोचना न पड़े कि कौन सा उम्मीदवार पाक साफ है और कौन नहीं। इतना ही नहीं पीएम नरेद्र मोदी ने भी एक इंटरव्यू के दौरान यह माना है कि उनके अब तक के सफर में मीडिया का अहम रोल रहा है। इसकी एक झलक हाल ही में देखने को मिली जब पीएम मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चैनल्स को पर्सनल इंटरव्यू दिया और राजनीति से जुड़े हर मुद्दों के सवालों का जवाब दिया।

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सोशल मीडिया का रहा अहम रोल

social media का चुनाव के दौरान जबरदस्त इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि वोटरों को अपनी तरफ खींचा जा सके। इसके लिए हर राजनीतिक पार्टियों की तरफ से फेसबुक पर कई पेज बनाएं गए हैं और विपक्ष से जुड़ी बातें या फिर सरकार की उपलब्धियों को बताया जा सके ताकि लोगों तक आसानी से अपनी बात रखी जा सके। इतना ही नहीं डिजिटल मीडिया से लेकर अलग-अलग सोशल साइट्स जैसे- यूट्यूब , इंस्टाग्राम सेमत कई प्लेटफॉम पर पार्टी के ऐड जारी किए गए और चुनाव प्रचार किया गया।

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ऐप ने बढ़ाया वोट प्रतिशत

इस बार कई सारे ऐप्स का ही योगदान काफी अहम रहा है। Election Commision ( चुनाव आयोग ) की तरफ से कई ऐसे ऐप्स लॉन्च किए गए जिससे की वोटरों को परेशान न होना पड़े। इसमें से एक cVigil ऐप भी है जिससे अपने फोन में डाउनलोड करके अपना वोटर कार्ड घर बैठे बना सकते हैं और डाउनलोड करके चुनाव डाल सकते हैं। इतना ही नहीं दिव्यांगों के लिए ना वोट ऐप पेश किया गया ताकि वो मतदान केंद्र तक गाड़ी से जाकर वोट डाल सके।



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